आचार्य चाणक्य के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य
आचार्य चाणक्य के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य
1. कुछ ऐतिहासिक ग्रंथो और इतिहासकारों का मानना है कि आचार्य चाणक्य का जन्म 371 ईसा पूर्व में हुआ था और वहीँ दूसरी ओर ऐसा भी माना जाता है कि उनका जन्म प्राचीन भारत में ईसा पूर्व 350 को हुआ था ।
2. कुछ ऐतिहासिक ग्रंथो और इतिहासकारों का मानना है कि आचार्य चाणक्य का जन्म तक्सिला में हुआ था और वहीँ दूसरी ओर ऐसा भी माना जाता है कि उनका जन्म दक्षिण भारत में हुआ था |
3. कुछ ऐतिहासिक ग्रंथो और इतिहासकारों का मानना है कि आचार्य चाणक्य के माता-पिता का असली नाम कानेस्वरी और कानीन था और वही दूसरी ओर ऐसा भी माना जाता है कि उनके माता-पिता का चणेश्वरी और चाणक था |
4. ऐतिहासिक ग्रंथो और इतिहासकारों का मानना है कि आचार्य चाणक्य का जन्म एक घोर निर्धन ब्राह्मण परिवार में हुआ था जिसमे उनके पिता एक शिक्षक थे |
5. ऐसा भी माना जाता है कि आचार्य चाणक्य के पिता के नाम पर ही उनका एक नाम चाणक्य पड़ा और वही कोटिल गोत्र होने के कारण इनका दूसरा नाम कौटिल्य पड़ा | वही माता-पिता दोनों ने मिलकर इनका असली नाम ‘विष्णुगुप्त’ रखा था।
6. इतिहास के अनुसार जब आचार्य चाणक्य पैदा हुए तब उनके मुंह में एक ही दांत था जिसे देखकर जैन मुनि द्वारा की गई उस भविष्यवाणी से उनके माता-पिता घबरा गये थे कि वो एक दिन राजा बनेगा क्योंकि उनके माता-पिता बड़ा होकर उन्हें एक एक जैन मुनि या फिर आचार्य बनाना चाहते थे तब जैन मुनि ने उन लोगो से कहा था कि “अगर आप ऐसा चाहते हो तो फिर आप इसके दांत को निकाल दे, ये राजा का निर्माता बनेगा”।
7. आप सभी को ये जानकर बड़ा ही आश्चर्य होंगा कि आचार्य चाणक्य का उल्लेख वायुपुराण, विष्णुपुराण, मुद्राराक्षस, बृहत्कथाकोश, मत्स्यपुराण, बौद्ध ग्रंथ महावंश, जैन पुराण आदि में भी मिलता है ।
8. इतिहास के अनुसार अर्थशास्त्र के महारथी आचार्य चाणक्य को उस काल में काला पंडित के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वो बेहद ही कुरूप थे लेकिन उनकी मानसिक सक्षमता को परख पाना किसी के बस की बात नहीं थी |
9. आचार्य चाणक्य दवा और खगोल विज्ञान के साथ-साथ समुंद्र शास्त्र का भी बहुत अच्छा ज्ञान रखते थे जिसके कारण वह किसी व्यक्ति के चेहरे के भावो को देखकर अनुमान लगा सकते थे कि सामने वाला क्या सोच रहा है |
10. इतिहास में आचार्य चाणक्य की मृत्यु को लेकर भी आजतक बहुत संशय बना हुआ है | उनकी मृत्यु से सम्बन्धित दो धारणा आज भी प्रचलित है पहली ये की उन्होंने भोजन व पानी त्यागकर अपनी इच्छा से शरीर छोड़ा दिया था वहीँ दूसरी धारणा के अनुसार वो एक षडयंत्र के शिकार हुए और उनकी मौत हुई।
11. इतिहास के अनुसार जब मगध साम्राज्य के नंद वंश के राजा धनानंद ने आचार्य चाणक्य तिरस्कार करके अपने दरबार से बाहर निकाल दिया था तब उन्होंने अपनी चोटी खोलकर प्रतिज्ञा ली थी कि जबतक वो समस्त नंद वंश का विनाश नही कर देंगे तब तक अपनी चोटी नही बाधेंगे |
12. आचार्य चाणक्य ने अपनी प्रतिज्ञा को पूर्ण करने के लिए चन्द्रगुप्त मौर्या को मात्र 12-13 वर्ष की आयु में ही उनके मामा से धन देकर ख़रीदा और उसे कम उम्र में ही, शासन करने और समाज कल्याण करने की शिक्षा प्रदान की | आगे चलकर इसी बालक ने उनकी प्रतिज्ञा पूर्ण करते हुए नंद साम्राज्य का विनाश किया और मौर्य साम्राज्य की नीव रखी |
13. ये आचार्य चाणक्य की नीतियाँ और दूरदर्शिता का ही परिणाम था कि आज भी इतिहास में मौर्य साम्राज्य का नाम भारत के सबसे बड़े और महान साम्राज्य के रूप में दर्ज है |
14. कुछ ऐतिहासिक ग्रंथो और इतिहासकारों का मानना है कि आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य को शत्रु द्वारा किये जाने वाले किसी भी ज़हरीले आघात से बचाने के लिए उसको भोजन में बहुत कम मात्रा में ज़हर भी देते थे |
15. ऐसा भी माना जाता है कि आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों और युवतियों की एक विशेष विषकन्या सेना भी बनाई थी जो कि अपने जेहरीले चुम्बन से शत्रुओ का विनाश कर देती थी |
16. आप सभी को ये जानकर भी आश्चर्य होंगा कि ऐसा कई इतिहासकारों का मानना है कि आचार्य चाणक्य के पास जासूसों की भी बहुत बड़ी सेना थी जिसमे 9 प्रकार के जासूस शामिल थे और उनके कार्यों और जिम्मेदारियों को दो भागों में बांटा जाता था |
17. इतिहासकारों की माने तो आचार्य चाणक्य ही वो ही भारत के ऐसे पहले विचारक थे जिनका मानना था कि राज्य का एक अपना खुद का एक संविधान होना चाहिए ।
18. आचार्य चाणक्य की कुटिल नीतियों का ही कमाल था कि पहली बार भारत वर्ष के समस्त राज्य एकजुट होकर महान सिकंदर से लड़ने के लिए आगे आये जिसके कारण उसे भारत से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था |
19. आचार्य चाणक्य एक महान लेखक भी थे जिन्होंने अर्थशास्त्र और चाणक्य नीति में अपने विचारों को व्यक्त किया है जिन्हें आज के समय में बड़े-बड़े देश की सरकारे अपनी विदेश नीति में और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री इकोनोमिक में अनुसरण करते है |
20. कुछ इतिहासकारों का मानना ये भी है कि आचार्य चाणक्य की महान सम्राट अशोक से भी मुलाकात हुई होंगी जो कि चन्द्रगुप्त मौर्य के पौते और बिन्दुसार के पुत्र और भारत के महान सम्राट थे | हालांकि उन दोनों के मुलाकात की पुष्टि करने के लिए कोई भी लिखित साक्ष्य मौजूद नही है |
21. इतिहास के अनुसार आचार्य चाणक्य बिंदुसार की माँ की हत्या का झूठा आरोप अपने उपर लगने के कारण आहत होकर अपने पद का त्याग कर वहां से चले गये थे लेकिन ये आरोप बाद में गलत साबित हुआ था |
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